खेल मंत्री रेखा आर्या का ‘ट्रैक सूट विवाद’ सुर्खियों में
उत्तराखंड में आगामी 28 जनवरी से 14 फरवरी 2024 तक होने वाले राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। यह आयोजन राज्य के खेल इतिहास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। हालांकि, खेलों की तैयारियों से पहले ही राज्य के खेल मंत्री रेखा आर्या एक नए विवाद में घिर गई हैं। इस बार यह विवाद उनकी ‘ट्रैक सूट प्रतियोगिता’ के नाम से सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या है ‘ट्रैक सूट विवाद’?
हाल ही में खेल मंत्री रेखा आर्या को अपने विभिन्न कार्यक्रमों और आयोजनों में अलग-अलग डिजाइन और रंगों के ट्रैक सूट पहनते देखा गया। बीते 15 दिनों में वह 12 से अधिक बार अलग-अलग ट्रैक सूट में नजर आईं। इस मामले ने सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए जोर पकड़ लिया।
वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र नेगी ने इस मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा,
“रेखा आर्या जी हर दिन नया ट्रैक सूट पहनकर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रही हैं। यदि यही प्रयास राष्ट्रीय खेलों में होता, तो निश्चित तौर पर उत्तराखंड गोल्ड मेडल जीत लेता।”
जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
रेखा आर्या के ट्रैक सूट पहनने पर सोशल मीडिया पर व्यंग्य और आलोचना दोनों हो रही है।सोशल मीडिया व्यंग्य:एक यूजर ने लिखा, “खेल मंत्री रोज़ नए ट्रैक सूट पहनती हैं, लेकिन राज्य के खिलाड़ियों को पुराने जूते पहनने पड़ रहे हैं।”दूसरे यूजर ने तंज कसा, “मंत्री जी का फैशन शो चल रहा है, लेकिन राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां अधूरी हैं।”जनता की नाराजगी:आम जनता का कहना है कि यह राज्य के संसाधनों की बर्बादी है। लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या मंत्री को अपनी प्राथमिकताओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए?
राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों पर सवाल
उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का मौका मिलना राज्य के लिए गौरव की बात है। हालांकि, खिलाड़ियों और व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
खिलाड़ियों की सुविधाएं:
राज्य के खिलाड़ी लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायत कर रहे हैं। अभ्यास के लिए पर्याप्त संसाधन और बेहतर कोचिंग की मांग बार-बार उठाई गई है।
किराए के खिलाड़ी:
यह खबर सामने आई है कि स्थानीय खिलाड़ियों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य अन्य राज्यों से किराए के खिलाड़ियों को लाने की योजना बना रहा है। यह उत्तराखंड के खेल विकास पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
आवास और मेजबानी:
राष्ट्रीय खेलों में देशभर से आने वाले खिलाड़ियों और मेहमानों के लिए आवास और मेजबानी की व्यवस्थाएं भी संतोषजनक नहीं लग रही हैं।
वरिष्ठ पत्रकार नेगी ने कहा,”अगर मंत्री खुद की छवि चमकाने के बजाय खिलाड़ियों की आवश्यकताओं पर ध्यान दें, तो उत्तराखंड खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।”
भ्रष्टाचार का मुद्दा
शैलेंद्र नेगी ने यह भी कहा कि, “यदि मंत्री को यह ट्रैक सूट खेल विभाग या ठेकेदारों द्वारा फ्री में दिए जा रहे हैं, तो यह भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।”उन्होंने सरकार से मांग की है कि ट्रैक सूट से जुड़े खर्चों और इसकी पारदर्शिता को लेकर जनता को जानकारी दी जाए।
रेखा आर्या को सुझाव
खिलाड़ियों की सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करें।बजट का सही उपयोग सुनिश्चित करें।ट्रैक सूट या प्रचार की बजाय खिलाड़ियों की ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं की तैयारियों को प्राथमिकता दें।
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