
गदरपुर क्षेत्र में स्कार्पियो गाड़ी से खैर के 12 गिल्टे बरामद
लालकुआँ तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, रूद्रपुर की टांडा रेंज की टीम ने बीती रात गदरपुर थाना क्षेत्र के पत्थर कूई गाँव के पास से खैर लकड़ी की तस्करी करने वाली एक स्कार्पियो गाड़ी को पकड़ा। इस गाड़ी से वन विभाग को 12 गिल्टे खैर के बरामद हुए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग एक लाख रुपये बताई जा रही है। हालाँकि, इस गाड़ी का मालिक कौन है, इसका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। वन विभाग ने फिलहाल गाड़ी और लकड़ी को अपने कब्जे में लेकर टांडा वन कार्यालय में सीज कर दिया है। साथ ही तस्करों की तलाश में विभाग की टीम जुट गई है।

वन विभाग की त्वरित कार्यवाही
इस मामले का खुलासा करते हुए तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, रूद्रपुर की टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम ने बताया कि गदरपुर क्षेत्र से खैर लकड़ी की तस्करी की सूचनाएँ लगातार प्राप्त हो रही थीं। वन विभाग की सक्रियता के कारण तस्करों को अक्सर लकड़ी काटने का मौका नहीं मिल पाता था। बीती रात मुखबिर से सूचना मिली कि गदरपुर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत पत्थर कूई गाँव में एक स्कार्पियो गाड़ी (वाहन संख्या- UA04-A9489) में खैर के गिल्टे रखकर उन्हें तस्करी के लिए बाहर ले जाया जा रहा है।
मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई
मुखबिर द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्यवाही करते हुए वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के नेतृत्व में पत्थर कूई गाँव के पास घेराबंदी की और संदिग्ध गाड़ी को पकड़ लिया। वन विभाग की टीम को देखकर चालक और गाड़ी में बैठे अन्य लोग भागने में सफल रहे। स्कार्पियो गाड़ी की तलाशी लेने पर उसमें खैर के 12 गिल्टे बरामद हुए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग एक लाख रुपये आंकी गई है। विभाग ने इस गाड़ी और लकड़ी को टांडा रेंज वन कार्यालय में लाकर सीज कर दिया है।
तस्करों की तलाश जारी
वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम ने बताया कि वन विभाग द्वारा स्कार्पियो गाड़ी की जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि गाड़ी कहाँ से आई थी और इसमें रखी खैर की लकड़ी कहाँ से काटी गई। साथ ही गाड़ी के मालिक की पहचान भी की जा रही है। तस्करों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। विभाग इस मामले में दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
वन विभाग की सतर्कता से तस्करी पर लगाम
गदरपुर क्षेत्र में खैर लकड़ी की कटान और तस्करी की घटनाएँ वन विभाग के लिए चुनौती बनी हुई थीं। लेकिन विभाग की लगातार सतर्कता और सक्रियता के चलते तस्करों को आए दिन नाकाम किया जा रहा है। क्षेत्र में वन विभाग की टीमें नियमित रूप से गश्त कर रही हैं और तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं। इस मामले में भी विभाग की त्वरित कार्यवाही ने तस्करी को विफल कर दिया और लाखों रुपये की खैर लकड़ी को बचा लिया।

अधिकारी और वनकर्मियों की भूमिका
इस पूरे अभियान में वन विभाग की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यवाही के दौरान वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के अलावा पीपलपड़ाव के वन क्षेत्राधिकारी सुरेन्द्र सिंह, वन दरोगा पान सिंह मेहता, रूस्तम राणा, शहजाद मलिक और सागर पाल सहित अन्य वनकर्मी भी उपस्थित रहे। इन सभी की संयुक्त प्रयासों से यह सफलता प्राप्त हो सकी है।
अवैध कटान और तस्करी पर सख्ती
वन विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि तस्करी और अवैध कटान के मामलों में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी। वन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वन संपदा की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और भविष्य में भी इस तरह की तस्करी की कोशिशों को नाकाम करने के लिए वन विभाग पूरी तरह से तैयार है।
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