
नैनीताल पुलिस की चतुराई से बच नहीं पाया अपराधी
नैनीताल पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बलात्कार के मामले में फरार चल रहे अभियुक्त मुकेश बोरा को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी SSP प्रहलाद नारायण मीणा के कुशल नेतृत्व और पुलिस टीम की मेहनत का नतीजा है। मुकेश बोरा ने दुग्ध समिति लालकुआं में नियमित नौकरी देने का झांसा देकर एक महिला के साथ बलात्कार किया था और फरार हो गया था।
महिला की शिकायत पर मामला दर्ज
थाना लालकुआं में 1 सितंबर 2024 को एक महिला ने FIR दर्ज कराई, जिसमें उसने मुकेश बोरा पर नौकरी का झांसा देकर बलात्कार का आरोप लगाया। महिला ने बताया कि मुकेश बोरा ने लालकुआं की दुग्ध समिति में नौकरी दिलाने के नाम पर उसे धोखा दिया। मामला दर्ज होने के बाद मुकेश फरार हो गया और उसका ड्राइवर कमल बेलवाल ने धमकी दी कि यदि मुकेश के खिलाफ शिकायत की गई तो उसे जान से मार दिया जाएगा। मामले में IPC की धारा 376 (2) (N) और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
SSP के नेतृत्व में गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू
महिला संबंधी मामला होने के कारण इस केस की जांच महिला अधिकारी वंदना चौहान को सौंपी गई। SSP प्रहलाद नारायण मीणा के निर्देश पर अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए 5 पुलिस टीमों का गठन किया गया। ASP हल्द्वानी प्रकाश चन्द्र और क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी की निगरानी में पुलिस टीमों ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी के लिए उसके स्थायी पते च्यूरी गाड़, और वर्तमान पता कृष्णा इन्क्लेव हिम्मतपुर मल्ला मुखानी में लगातार दबिश दी, लेकिन मुकेश अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार ठिकाने बदलता रहा।

POCSO एक्ट की धारा भी जोड़ी गई
जांच के दौरान, पीड़िता और उसकी बेटी के बयान दर्ज किए गए। 4 सितंबर 2024 को मुकेश बोरा पर POCSO एक्ट की धारा 93/10 भी बढ़ाई गई। इसके बाद, अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए सभी प्रयास तेज कर दिए गए। लेकिन मुकेश लगातार पुलिस की पकड़ से बचने की कोशिश करता रहा।

गैर-जमानती वारंट और संपत्ति कुर्की
अभियुक्त की गिरफ्तारी में देरी के कारण पुलिस ने 8 सितंबर 2024 को अदालत से गैर-जमानती वारंट प्राप्त किया। इसके बाद 9 सितंबर को धारा 84 BNSSS के तहत नोटिस जारी किया गया। पुलिस ने अभियुक्त के स्थायी और किराये के पते पर नोटिस चस्पा कर उसकी गिरफ्तारी के लिए मुनादी भी की। अभियुक्त की गिरफ्तारी न होने पर 13 सितंबर को 85 BNSSS के तहत उसकी चल-अचल संपत्ति की कुर्की का आदेश प्राप्त किया गया और 20 सितंबर को पुलिस ने उसकी संपत्ति को जब्त कर लिया।
अभियुक्त के साथियों पर भी कार्यवाही
मुकेश बोरा को फरार कराने में सहयोग करने वाले चार अन्य व्यक्तियों पर भी IPC की धारा 212 के तहत कार्रवाई की गई। इनमें आशा रानी, सुरेन्द्र सिंह परिहार, नन्दन प्रसाद आर्या और देवेन्द्र सिंह चुनोटिया शामिल हैं। इन सभी को अभियुक्त को छिपाने और भागने में मदद करने का दोषी पाया गया।
अमरूद के ठेले के पास से हुई गिरफ्तारी
कई दिन की कोशिशों और दबिश के बाद, पुलिस को आखिरकार मुखबिर और सर्विलांस की मदद से 25 सितंबर 2024 को रामपुर, उत्तर प्रदेश के चाकू चौक के पास लगे अमरूद के ठेले के पास मुकेश बोरा को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। पुलिस टीम ने अभियुक्त को तुरंत गिरफ्तार कर उसे अदालत में पेश करने की तैयारी की।
पुलिस टीम का सराहनीय काम
इस मामले में पुलिस टीम की सक्रियता और समर्पण की वजह से अभियुक्त की गिरफ्तारी संभव हो सकी। पुलिस टीम में ASP प्रकाश चन्द्र, CO नितिन लोहनी, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह फर्त्याल, इंस्पेक्टर अरुण सैनी, SI नीरज भाकुनी, और अन्य अधिकारियों का प्रमुख योगदान रहा।
पुलिस टीम को मिला इनाम
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने पुलिस टीम की सराहना करते हुए टीम के उत्साहवर्धन के लिए 2,500 रुपये का नगद इनाम दिया है।
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