माह-ए-रमज़ान के पहले जुमे के दौरान राजस्थान के जयपुर में सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल देखने को मिली। यहां जोहरी बाजार में जामा मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज के दौरान उसी के आगे से निकलने वाली खाटू श्याम की पदयात्रा को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
जुमे की नमाज देखकर यात्रा में शामिल भक्तों ने अपने डीजे और ढोल-नगाड़े बंद कर लिए। यही नहीं, नमाज पूरी होने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पदयात्रा पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। जामा मस्जिद के दरवाजे के बाहर दोनों ही समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे को रमजान और खाटू श्याम की पदयात्रा की बधाई भी दी।
इस अद्वितीय घटना ने समुदायों के बीच भाईचारे की नई मिसाल स्थापित की है। यह सांप्रदायिक एकता और समरसता का संदेश है, जो हमारे समाज के सांस्कृतिक धरोहर को मजबूती और सहयोग के साथ आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इस मुख्य खबर के अलावा, हिन्दू-मुस्लिम एकता का यह संदेश समाज के अन्य क्षेत्रों में भी सहानुभूति और सहयोग की भावना को बढ़ावा देगा।
रमज़ान के महीने के बारे में जानकारी भी शामिल करते हुए, यह मुख्य त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह माह इबादत, ध्यान, और ताक़ात की खोज के लिए समर्पित होता है, जिसमें रोज़ाना रोज़ा रखा जाता है और दिन के वक्त उपवास और दुआएं की जाती हैं। इस त्योहार के दौरान सामाजिक और धार्मिक सामूहिकता को भी मजबूत किया जाता है, जिससे सामुदायिक एकता की भावना मजबूत होती है।
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