
रेलवे भूमि पर सख़्त कार्रवाई शुरू
हल्द्वानी में रेलवे भूमि के सर्वे एवं सीमांकन के तहत आज रेलवे, राजस्व विभाग और वन विभाग की संयुक्त टीम ने बड़े पैमाने पर निरीक्षण किया। इस दौरान 90 से अधिक अतिक्रमण चिन्हित किए गए, जिनमें अवैध निर्माण, आवासीय भवन, मस्जिद और मजार शामिल हैं। सभी संबंधित अतिक्रमणकारियों को कानूनी नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
काग़ज़ी सौदे और अस्थायी ढांचे भी जांच के घेरे में

जांच के दौरान चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि कई लोगों ने स्टाम्प पेपर पर इस भूमि की खरीद-फरोख्त की है, जबकि यह पूरी तरह सरकारी संपत्ति है। कई अस्थायी शेड और ढांचे भी मौके पर पाए गए, जिन्हें भविष्य में हटाने की कार्यवाही तय है। टीम ने मौके पर मुनादी करते हुए लोगों को स्वेच्छा से ज़मीन खाली करने की सलाह दी।
परिवारों की चिंता और बेचैनी
इस कार्रवाई के बीच सबसे बड़ी चिंता उन परिवारों की है जो वर्षों से इन घरों में रह रहे हैं। बहुत से परिवार यहां अपनी जमा-पूंजी लगाकर बसे थे, कईयों के पास तो दूसरा ठिकाना ही नहीं है। बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की देखभाल और रोज़मर्रा की ज़िंदगी अचानक अनिश्चितता में फंस गई है। एक झटके में छत छिन जाने का डर लोगों को रातों की नींद हराम कर रहा है।
प्रशासन का कहना – कानून से समझौता नहीं
निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी राहुल शाह, सीनियर सेक्शन इंजीनियर गिरजेश कुमार, तहसीलदार मनीषा बिष्ट, तहसीलदार कुलदीप पांडे समेत राजस्व, वन विभाग, पुलिस बल और रेलवे पुलिस मौजूद रहे। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने और रेलवे संपत्ति के नियमों को लागू करने के लिए ज़रूरी है।
संवेदना के साथ अपील

कथित तौर पर लोगो का कहना है प्रशासन को चाहिए कि इस प्रक्रिया में मानवीय पहलू का भी ध्यान रखा जाए। जिनके पास रहने का और कोई ठिकाना नहीं है, उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था या पुनर्वास योजना बनाई जाए। यह ज़रूरी है कि कानून का पालन करते हुए भी इंसानियत और संवेदना की डोर मज़बूत बनी रहे, ताकि किसी परिवार की छत और उम्मीद दोनों एक साथ न टूटें।
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