मेरठ (उत्तर प्रदेश): 3 दिन से लापता किशोरी का शव मिलने से हड़कंप
मेरठ की इस घटना ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। यह घटना पुलिस की कार्यप्रणाली और उनकी जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाती है। न्याय की मांग और दोषियों को सख्त सज़ा दिलाने के लिए पूरे गांव और समाज को एकजुट होना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
किशोरी की पहचान और परिजनों का आरोप
मृतक किशोरी की पहचान मुस्कान पुत्री गुलजार के रूप में हुई है। मुस्कान के परिजनों का आरोप है कि उन्होंने किशोरी की गुमशुदगी की सूचना पुलिस चौकी को दी थी, लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज नहीं किया और मामले को दबाए रखा। इस लापरवाही के कारण आरोपियों ने मुस्कान का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।
घटना का विवरण
तीन दिन पहले मुस्कान अपने घर से लापता हो गई थी। परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। घटना के तीन दिन बाद, गांव के ही कुछ युवकों पर अपहरण और गैंगरेप का आरोप लगाया गया। मुस्कान का शव सड़ी-गली हालत में मिला, जिसका चेहरा तेज़ाब से जला हुआ था और गर्दन कटी हुई थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। पुलिस ने कहा है कि वे सभी संभावित साक्ष्यों को जुटा रहे हैं और दोषियों को सख्त सज़ा दिलाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे मुस्कान की जान चली गई।
गांव में तनाव और आक्रोश
इस घटना के बाद गांव में तनाव और आक्रोश का माहौल है। लोग पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं से गांव में भय का माहौल बना हुआ है और पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने सामाजिक और राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों को सख्त सज़ा दिलाने की मांग की है। राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया है और पुलिस की लापरवाही पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पुलिस की उदासीनता चिंता का विषय है और इसमें सुधार की आवश्यकता है।
न्याय की मांग
मुस्कान के परिजनों और गांव वालों की एक ही मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें सख्त से सख्त सज़ा दी जाए। परिजनों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और इस घटना को दबाने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
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