रामगढ़ क्षेत्र के 100 फीसदी किसान फल उत्पादन पर निर्भर ओलावृष्टि से सेब, आड़ू, पुलम, खुमानी की पैदावार पर गहरा असर
संवाददाता नीरज कुमार
नैनीताल। रामगढ़ क्षेत्र में हुई भीषण ओलावृष्टि ने किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। पहाड़ी इलाकों में जहां लोग बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे, वहीं इस अचानक हुई ओलावृष्टि ने बागवानों की उम्मीदों को तोड़ दिया। सेब, आड़ू, पुलम, खुमानी के पेड़ों पर लगे नाजुक अंकुर ओले गिरने से झड़ गए, जिससे फसलों के उत्पादन पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
ओलावृष्टि से फल उत्पादन को बड़ा नुकसान
रामगढ़ में 80 फीसदी किसान फल उत्पादन पर निर्भर हैं। रामगढ़, नथुवाखान, रातिघाट, गरमपानी, तल्ला रामगढ़ और गागर क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की फसलें ओलावृष्टि से प्रभावित हुई हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि अगर यह स्थिति बनी रही तो इस साल की पूरी मेहनत बर्बाद हो जाएगी।
किसानों पर मंडराया आर्थिक संकट
रामगढ़ के काश्तकार देवेंद्र मेर ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण सेब, पुलम और आड़ू की गुणवत्ता प्रभावित हो गई है, जिससे उन्हें बाजार में सही दाम नहीं मिल पाएगा। ठेकेदार भी खेतों से उत्पाद खरीदने में आनाकानी करेंगे, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
सब्जियों पर भी पड़ा असर
तितोली के किसान महेंद्र सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह, घनश्याम और अनिल कुमार का कहना है कि बेमौसम ओलावृष्टि से सिर्फ फलों की फसलें ही नहीं, बल्कि सब्जियों पर भी असर पड़ा है। मटर, गोभी, पालक जैसी सब्जियां भी खेतों में ही गिरकर बर्बाद हो गई हैं। इसका सीधा असर आम जनता पर महंगाई के रूप में भी दिखेगा।
मुआवजे की मांग
ग्राम प्रधान सुरेश मेर ने बताया कि उन्होंने उद्यान विभाग और कृषि विभाग से जल्द सर्वे कर किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। किसान चाहते हैं कि प्रशासन उनकी इस समस्या को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द राहत प्रदान करे।
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