निःशुल्क हीमोग्लोबिन परीक्षण और आईएफएससी सिरप का वितरण
आज दिनांक 7 सितंबर 2024 को उच्चतम कन्या माध्यमिक विद्यालय, राजपुरा में बाल विकास योजना, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPSC) राजपुरा द्वारा एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत सभी बच्चों का निःशुल्क हीमोग्लोबिन परीक्षण किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी को पहचानकर उचित उपचार और पोषण प्रदान करना है।
निःशुल्क हीमोग्लोबिन परीक्षण
कार्यक्रम की शुरुआत में बच्चों का हीमोग्लोबिन परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि उनमें हीमोग्लोबिन की मात्रा पर्याप्त हो। यह परीक्षण विशेष रूप से उन बच्चों के लिए आवश्यक था, जो कुपोषण या असंतुलित आहार के कारण एनीमिया से पीड़ित हो सकते हैं।
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए जानकारी
कार्यक्रम के दौरान, बच्चों को हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपायों के बारे में भी जागरूक किया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बच्चों को बताया कि हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए उन्हें नियमित रूप से हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, और ब्रोकली में आयरन की प्रचुर मात्रा होती है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करती है।
पोषण और स्वच्छता की जागरूकता
सिर्फ हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भी बच्चों को पोषण और स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया गया। उन्हें साफ-सफाई का ध्यान रखने, नियमित रूप से हाथ धोने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी गई। स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जोशी ने बताया कि स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से न केवल एनीमिया बल्कि अन्य बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
बालिकाओं के लिए विशेष जागरूकता
बालिकाओं को विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि उन्हें अपने आहार में हरी सब्जियों का नियमित सेवन करना चाहिए। उन्हें बताया गया कि आयरन की कमी के कारण उन्हें मासिक धर्म के दौरान कमजोरी महसूस हो सकती है, जिसे दूर करने के लिए उन्हें आयरन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। साथ ही, उन्हें शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई।
स्वास्थ्य अधिकारियों की भागीदारी
इस अभियान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कई अधिकारी उपस्थित थे। इनमें प्रमुख रूप से पब्लिक हेल्थ मैनेजर अनिल जोशी, फार्मासिस्ट कोमल आर्या और लैब तकनीशियन मनीता शामिल थे। इन अधिकारियों ने बच्चों का परीक्षण किया, स्वास्थ्य उत्पादों का वितरण किया और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में जानकारी दी।
बच्चों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
इस कार्यक्रम के बाद बच्चों और उनके अभिभावकों ने भी इसे सराहा। बच्चों ने कहा कि उन्हें इस तरह के स्वास्थ्य परीक्षणों से अपने स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता मिली है और अब वे अपने आहार में सुधार करेंगे। अभिभावकों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे उनके बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा।
एनीमिया मुक्त भारत का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में, सभी बच्चों और अधिकारियों ने मिलकर एनीमिया मुक्त भारत का संकल्प लिया। उन्होंने यह वादा किया कि वे न केवल स्वयं स्वस्थ रहेंगे, बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। इस तरह के कार्यक्रमों से निश्चित रूप से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा और एनीमिया मुक्त भारत का सपना साकार होगा।
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