
प्रशासन की नाक के नीचे नियमों की खुली अनदेखी
हल्द्वानी का तिकोनिया क्षेत्र, जहां एक रेस्टोरेंट अपनी मनमानी करते हुए न केवल अतिक्रमण कर रहा है बल्कि नियमों की धज्जियां भी उड़ा रहा है। फुटपाथ से 7 फीट आगे बढ़कर रेस्टोरेंट का मालिक सार्वजनिक स्थान पर कब्जा जमा रहा है। इस कारण राहगीरों को चलने में कठिनाई होती है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

प्रशासन की चुप्पी और नागरिकों का रोष
अतिक्रमण विरोधी अभियान होने के बावजूद इस रेस्टोरेंट पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस अनदेखी के चलते स्थानीय लोग बेहद नाराज़ हैं। उनका आरोप है कि रेस्टोरेंट मालिक का प्रशासन के अधिकारियों से घनिष्ठ संबंध है, जिसके चलते उसे विशेष छूट मिल रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि आम लोगों की समस्याओं को अनसुना कर, प्रशासन प्रभावशाली लोगों को संरक्षण दे रहा है।

मालिक का घमंडी बयान: शहर के राजा हम हैं
रेस्टोरेंट के मालिक का बयान भी सुर्खियों में है जिसमें उसने कहा कि “हम तो शहर के राजा हैं, यहां पत्रकार मुफ्त में खाना खाते हैं।” यह घमंड भरा बयान न केवल उसकी मनमानी को दर्शाता है बल्कि यह भी इंगित करता है कि पत्रकार भी उसकी मनमानी पर मौन साधे हुए हैं। यह रवैया पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।
आम जनता की परेशानियाँ: गंदगी और दुर्व्यवहार
इस रेस्टोरेंट के आसपास रहने वाले लोग हर रोज गंदगी, शोरगुल और स्टाफ के अशिष्ट व्यवहार का सामना कर रहे हैं। सड़क पर बर्तनों की सफाई करने से जगह गंदी हो जाती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। रेस्टोरेंट के कर्मचारियों का लोगों के साथ दुर्व्यवहार भी स्थानीय निवासियों को परेशान करता है, लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है।
प्रशासन से सवाल: क्या कानून केवल आम जनता के लिए?
प्रशासन की यह चुप्पी और कार्रवाई की कमी यह सवाल उठाती है कि क्या कानून का पालन केवल आम नागरिकों के लिए ही है? यदि नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होती है, तो क्या यह मान लिया जाए कि रेस्टोरेंट मालिक जैसे प्रभावशाली लोग नियमों से ऊपर हैं? इससे जनता का न्यायिक और प्रशासनिक प्रणाली पर से भरोसा उठ सकता है।

आम जनता के स्वास्थ्य पर असर: गंदगी और शोरगुल
रेस्टोरेंट द्वारा फैलायी जा रही गंदगी और शोरगुल के कारण स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। साफ-सफाई की कमी और सड़क पर बर्तन धोने की आदत से रोग फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसके बावजूद नगर निगम इस ओर ध्यान देने में विफल रहा है, जिससे उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रशासन का दोहरा मापदंड: विशेष लोगों को छूट
प्रशासन की निष्क्रियता यह संदेश देती है कि कानून का पालन केवल आम जनता पर ही लागू होता है जबकि प्रभावशाली लोगों को इसकी अनदेखी करने की खुली छूट मिली हुई है। यह बात स्पष्ट है कि रेस्टोरेंट मालिक को प्रशासन से विशेष छूट प्राप्त है, अन्यथा इस अतिक्रमणकारी गतिविधि पर अब तक कार्यवाही हो जाती।
निष्कर्ष: अतिक्रमण और प्रशासनिक विफलता का गंभीर मुद्दा
तिकोनिया के इस अतिक्रमणकारी रेस्टोरेंट का मामला न केवल अतिक्रमण का है बल्कि प्रशासनिक विफलता और प्रभावशाली लोगों की मनमानी का उदाहरण भी है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि बिना किसी भेदभाव के नियमों का पालन कराए और इस रेस्टोरेंट पर सख्त कार्रवाई करे ताकि शहर की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
By Diamond fashion boutique