वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाते पीएम नरेंद्र मोदी (15 फरवरी, 2019)
इसके साथ ही वंदे भारत ट्रेन सेवाओं की कुल संख्या देश में 100 तक पहुंच गई है.हालांकि वंदे भारत ट्रेनें अपनी गति, फीचर्स और डिज़ाइन को लेकर चर्चा के केंद्र में रही हैं, लेकिन एक ऐसी बात है जिसके बारे में कम लोगों को ही पता है.यह कि इन ट्रेनों के उद्घाटन समारोह पर कितना सार्वजनिक पैसा ख़र्च हुआ है?
औसतन हर कार्यक्रम पर करीब 19 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.
इसका मतलब है कि औसतन हर कार्यक्रम पर करीब 19 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. आरटीआई के ज़रिए इससे पहले के साल का ब्यौरा भी मांगा गया था, जिसे उपलब्ध नहीं कराया गया है.
वंदे भारत ट्रेनों को भारत की ‘पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन’ करार दिया गया है, जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पटरी पर दौड़ सकती हैं.
पीएम मोदी ने साल 2019 में नई दिल्ली और वाराणसी के बीच पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. उसके बाद कई बार वे व्यक्तिगत तौर पर और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए ऐसा कर चुके हैं.
भारतीय रेलवे के मुताबिक़ दूसरे देशों की तरह कम खर्चे पर यात्रियों को आराम, सुरक्षा और उनके अनुभव को https://www.bbc.com/hindi/articles/cj565mzgvp2oबेहतर बनाने के इरादे से वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया गया था.
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