चौड़ीकरण में राहत की मांग
हल्द्वानी: संयुक्त व्यापारी संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें हल्द्वानी शहर में चल रहे सड़क चौड़ीकरण कार्य में कुछ राहत देने की अपील की गई है। व्यापारियों ने ज्ञापन के माध्यम से सड़क चौड़ीकरण के प्रस्तावित 12 मीटर को घटाकर 10 मीटर तक सीमित करने का आग्रह किया, ताकि व्यापारियों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।ज्ञापन में बताया गया है कि अगर चौड़ीकरण की सीमा में 2 मीटर की कमी की जाती है, तो इससे लगभग 90 प्रतिशत व्यापारियों को राहत मिल सकती है। प्रतिनिधियों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण से छोटे और मझोले व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है, जिससे उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है और उनकी रोज़ी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें कुछ राहत दी जाए ताकि उनके व्यापार को संरक्षित किया जा सके।
व्यापारियों की मुख्य मांग
व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से सीधे अपील करते हुए कहा कि प्रस्तावित 12 मीटर सड़क चौड़ीकरण से उनके व्यवसाय पर गंभीर असर पड़ रहा है। अधिकतर व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खोने के डर से परेशान हैं, और ऐसे में यदि 2 मीटर की राहत दी जाती है, तो उनके व्यापार को बचाया जा सकता है। प्रतिनिधि मंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि चौड़ीकरण की आवश्यकता को समझते हुए, वे विकास के कार्यों में बाधा नहीं डालना चाहते, लेकिन उनका यह भी मानना है कि व्यापारियों का हित भी सुरक्षित रहना चाहिए।मुख्य मांगों में यह स्पष्ट किया गया है कि अगर 2 मीटर की कटौती की जाती है, तो अधिकांश व्यापारियों को तोड़फोड़ से बचाया जा सकता है। इससे न केवल व्यापारियों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि उनके व्यापारिक प्रतिष्ठान भी सुरक्षित रहेंगे, जो शहर के व्यापारिक ढांचे के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
व्यापारियों की चिंता
व्यापारियों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि चौड़ीकरण के चलते उन्हें अपने दुकानें या प्रतिष्ठान छोड़ने पड़ सकते हैं। कई व्यापारी छोटे-मोटे व्यवसाय चला रहे हैं, जो किसी भी तरह के तोड़फोड़ या विस्थापन के चलते पूरी तरह से बंद हो सकते हैं। इसके अलावा, जो व्यापारी किराए पर अपनी दुकानें चला रहे हैं, उनके लिए भी स्थिति विकट हो सकती है, क्योंकि उन्हें अपनी दुकानें खाली करनी पड़ेंगी और नई जगहों पर स्थानांतरित होना मुश्किल साबित हो सकता है।व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने वर्षों से अपने व्यापार को स्थापित किया है, और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा व्यापारियों को पर्याप्त मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे उनके लिए स्थिति और भी कठिन हो गई है।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल व्यापारी
मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में कई प्रमुख व्यापारी शामिल थे, जिनमें मुकेश धींगड़ा, विनय विरमानी, कनिष्क धींगड़ा, सावन नागपाल, बलविंदर सिंह, सन्नी विरमानी, मनोज अरोरा, सतवंत सिंह, पंकज कंसल आदि प्रमुख नाम थे। इन व्यापारियों ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री से अपील की कि सड़क चौड़ीकरण की सीमा को 12 मीटर से घटाकर 10 मीटर किया जाए, जिससे अधिकतर व्यापारियों को राहत मिलेगी और उनका व्यापार बच सकेगा।
सरकार से अपील
व्यापारियों ने सरकार से यह भी अपील की कि विकास कार्यों के साथ-साथ आम लोगों और व्यापारियों के हितों का भी ध्यान रखा जाए। सड़क चौड़ीकरण जरूरी है, लेकिन इसका असर व्यापारियों पर न पड़े, इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। व्यापारियों का कहना है कि वे विकास कार्यों के विरोध में नहीं हैं, लेकिन उनका यह भी कहना है कि सड़क चौड़ीकरण से पहले व्यापारियों के हितों की भी रक्षा होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यापारियों की समस्या को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि व्यापारियों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाए और यदि संभव हो तो सड़क चौड़ीकरण के मापदंडों में संशोधन कर व्यापारियों को राहत दी जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार व्यापारियों के साथ खड़ी है और उनके हितों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे विकास कार्यों में सहयोग करें और किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए सरकार पर भरोसा रखें।
समाप्ति
संयुक्त व्यापारी संघर्ष समिति की यह पहल व्यापारियों के लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है। अब यह देखना होगा कि सरकार व्यापारियों की मांगों पर क्या कदम उठाती है और सड़क चौड़ीकरण में कितनी राहत दी जा सकती है।
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