स्व. श्री बसंत लाल जी की स्मृतियों में हल्द्वानी वाल्मीकि पंचायत सभा का पुनर्गठन जरूरी

Photo of author

By Rihan Khan

वाल्मीकि समाज की शान और समाजसेवा के प्रतीक थे स्व. श्री बसंत लाल जी

हल्द्वानी के वाल्मीकि समाज के सम्मानित सरपंच स्व. श्री बसंत लाल जी का नाम आज भी समाज के लोगों के दिलों में बसा हुआ है। उन्होंने अपने जीवनकाल में वाल्मीकि पंचायत सभा के सरपंच के रूप में समाज की भलाई के लिए अतुलनीय योगदान दिया। समाज के सुख-दुख में हमेशा उनके साथ खड़े रहने वाले स्व. श्री बसंत लाल जी ने समाज सेवा को एक नया आयाम दिया था। उनकी निस्वार्थ सेवा ने समाज में एक गहरी छाप छोड़ी।

स्व. श्री बसंत लाल जी से मिली प्रेरणा

स्व. श्री बसंत लाल जी से कई लोग व्यक्तिगत रूप से प्रेरित हुए। उनकी सिखाई बातों और मार्गदर्शन ने समाज के युवाओं को अपने विचार साहसपूर्वक मंच पर रखने की हिम्मत दी। स्व. श्री बसंत लाल जी की वह बातें आज भी याद हैं जब वे मिलते थे और कहते थे, “बेटा आशु, मुझे तुझसे बहुत उम्मीदें हैं!” इस प्रकार की प्रेरणा ने समाज के युवाओं को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया और उन्हें समाज के विकास में अपनी भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित किया।

2017 के बाद से पंचायत सभा अस्थिर

स्व. श्री बसंत लाल जी के निधन के बाद, 2017 से हल्द्वानी की वाल्मीकि पंचायत सभा अस्थिर, अपूर्ण और निष्क्रिय हो गई है। करीब 15 हजार वाल्मीकि समाज आज बिना सरपंच और बिना पंचायत सभा के अपने सामाजिक जीवन का संचालन कर रहा है। इससे समाज में एकता और संगठित प्रयासों की कमी महसूस की जा रही है।

वाल्मीकि पंचायत सभा के पुनर्गठन की मांग

आज, वाल्मीकि समाज के लोग एक बार फिर से वाल्मीकि पंचायत सभा के पुनर्गठन की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। यह जरूरी है कि समाज को एक बार फिर से एक मजबूत नेतृत्व मिले, जो समाज को संगठित कर सके और उसकी समस्याओं को हल करने की दिशा में ठोस कदम उठा सके। खासकर, समाज में शिक्षा का प्रसार और नशाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

शिक्षा और नशामुक्त समाज की दिशा में काम जरूरी

वाल्मीकि समाज के लिए शिक्षा एक प्रमुख मुद्दा है, क्योंकि एक शिक्षित समाज ही विकसित समाज का निर्माण कर सकता है। इसके साथ ही समाज में बढ़ती नशाखोरी एक गंभीर समस्या है, जिसे जड़ से समाप्त करने के लिए एक संगठित पंचायत सभा का होना आवश्यक है।

स्व. श्री बसंत लाल जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

समाज के लिए उनके अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को याद करते हुए, स्व. श्री बसंत लाल जी को वाल्मीकि समाज भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उनकी यादें आज भी समाज को प्रेरित करती हैं और उनके दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।

(आशु पंडालिया)

By Diamond fashion boutique

 

 

error: Content is protected !!