
हल्द्वानी, 28 सितम्बर 2024 – शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर एमबीपीजी महाविद्यालय हल्द्वानी में श्रद्धांजलि सभा के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया कृत्य गंभीर रूप से निंदनीय है। श्रद्धांजलि सभा के दौरान परिषद के कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ शहीद भगत सिंह के पोस्टर फाड़े, बल्कि सभा में उपस्थित लोगों को भी निशाना बनाया।
पत्रकार पर हमला

इस हिंसक घटना के दौरान महाविद्यालय में सम्मानित पत्रकार प्रमोद डालाकोटी, जो उस समय कार्यक्रम की वीडियो बना रहे थे, पर भी ABVP के गुंडों द्वारा हमला किया गया। प्रमोद जी एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं और हिंदुस्तान अखबार से जुड़े हुए हैं। इस हमले में प्रमोद डालाकोटी के साथ बुरी तरह मारपीट की गई। उनका मोबाइल फोन भी छीनने का प्रयास किया गया, जिससे वह कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग कर रहे थे।

शहीद भगत सिंह के पोस्टर फाड़े
घटना के दौरान भगत सिंह पर लगाए गए पोस्टरों को ABVP के कार्यकर्ताओं ने फाड़ दिया। इतना ही नहीं, श्रद्धांजलि सभा के दौरान लगाए गए बैनर भी छीन लिए गए और सभा के अन्य सामान को नुकसान पहुंचाया गया। यह कृत्य न सिर्फ शहीद भगत सिंह की विरासत का अपमान है, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
पछास का विरोध और निंदा
परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। पछास ने इसे ABVP के कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार हिंसक घटनाओं की श्रृंखला का एक और उदाहरण बताया है। पछास के प्रवक्ता ने कहा, “यह लम्पट तत्व कभी पत्रकार, कभी डॉक्टर, कभी अन्य छात्रों और विभागीय कर्मचारियों-अधिकारियों से मारपीट करते रहते हैं। ऐसे गुण्डा तत्वों के लिए सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है।”को
कानूनी कार्रवाई की मांग
पछास ने उक्त आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने प्रशासन से अपील की है कि इन गुंडों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पछास ने कहा कि यह घटना न सिर्फ एक पत्रकार पर हमला है, बल्कि पूरे लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।
हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं
महाविद्यालय में हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इससे पहले भी ABVP के कार्यकर्ता महाविद्यालय के अन्य छात्रों और कर्मचारियों के साथ मारपीट कर चुके हैं। यह स्थिति महाविद्यालय के वातावरण को खराब कर रही है और छात्रों में भय का माहौल बना हुआ है। ऐसे माहौल में शिक्षा ग्रहण करना कठिन हो रहा है।
लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन
यह घटना न केवल महाविद्यालय के परिसर की शांति को भंग करती है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों का भी हनन करती है। भगत सिंह जैसे महान क्रांतिकारी की श्रद्धांजलि सभा के दौरान इस प्रकार की घटना का होना बेहद शर्मनाक है। छात्र संगठनों और पत्रकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह घटना हमारे समाज में बढ़ती असहिष्णुता और गुंडागर्दी की एक बानगी है।
मीडिया और छात्रों की एकजुटता की जरूरत
इस घटना ने मीडिया और छात्रों के बीच एकजुटता की जरूरत को भी उजागर किया है। पत्रकारों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए मीडिया संगठनों को एकजुट होना होगा और समाज के हर तबके को ऐसे असामाजिक तत्वों का विरोध करना होगा। साथ ही, छात्रों को भी अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा और ऐसे तत्वों के खिलाफ सशक्त रूप से आवाज उठानी होगी।
न्याय की उम्मीद
पीड़ित पत्रकार और छात्र संगठनों को अब प्रशासन और न्यायपालिका से न्याय की उम्मीद है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और आरोपियों पर क्या कार्रवाई करता है। अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तो यह घटना भविष्य में और अधिक हिंसक घटनाओं को जन्म दे सकती है।
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