भूरे मियां के पोते ने भी दिया अपना खून
तीन दिन सभी धर्मों के लोगों के लिए लंगर, हजारों को कराया गया भोजन
भूरे शाह मियां के 98वें उर्स मुबारक के मौके पर एक अनूठा आयोजन हुआ। तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम में एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 107 यूनिट रक्त जुटाया गया। इस अवसर पर भूरे मियां के पोते ने भी अपना खून देकर शिविर की शुरुआत की और मानवता की सेवा का संदेश दिया।
सामुदायिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण
इस उर्स में सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर भाग लिया। इस आयोजन ने सामुदायिक सौहार्द और एकता का संदेश दिया। लंगर के माध्यम से हजारों लोगों को भोजन कराया गया, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी शामिल थे। यह आयोजन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी बना।
मेडिकल कैंप भी रहा आकर्षण का केंद्र
रक्तदान शिविर के साथ ही एक मेडिकल कैंप का भी आयोजन किया गया, जहां विभिन्न बीमारियों की जांच की गई और मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की गई। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने मरीजों को उचित परामर्श और दवाइयां भी वितरित कीं।
भूरे मियां की दरगाह की कमेटी ने निभाई अहम भूमिका
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में दरगाह की कमेटी के 30 युवाओं की टीम ने अहम भूमिका निभाई। इन युवाओं ने पूरी तत्परता और समर्पण के साथ कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराया। रक्तदान शिविर हो या लंगर की व्यवस्था, इन सभी कार्यों में इन युवाओं की मेहनत साफ दिखाई दी।
उर्स के तीसरे दिन दुआ के साथ समापन
उर्स के अंतिम दिन एक विशेष दुआ का आयोजन किया गया, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया और विश्व शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। इस दौरान सभी ने यह संकल्प लिया कि आने वाले समय में भी ऐसे आयोजनों को और बड़े स्तर पर किया जाएगा ताकि समाज में एकता और सौहार्द को और भी बढ़ावा मिल सके।
दूर-दूर से आए थे श्रद्धालु
भूरे शाह मियां के 98वें उर्स के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से आए। न केवल स्थानीय लोग बल्कि दूसरे शहरों और गांवों से भी लोग इस पवित्र अवसर पर पहुंचे और दरगाह में हाजिरी लगाई। उर्स के इस मौके पर सभी ने मिलकर धार्मिक आयोजन में हिस्सा लिया और लंगर का आनंद लिया।
रक्तदान शिविर से जुड़ी अहम बातें
रक्तदान शिविर में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। खास बात यह रही कि महिलाओं और युवाओं ने भी रक्तदान किया। शिविर के आयोजकों ने बताया कि इस रक्तदान से जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जा सकेगी और यह एक बड़ी सामाजिक सेवा है। भूरे मियां के पोते द्वारा रक्तदान की पहल ने इस शिविर को और भी विशेष बना दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी हुआ आयोजन
उर्स के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। सूफी संगीत, कव्वाली और नात की प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया। इस अवसर पर स्थानीय मोलानाओ ने भी अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से शांति और एकता का संदेश दिया।
सभी व्यवस्थाओं की सराहना
उर्स के दौरान सभी व्यवस्थाएं शानदार रहीं। लोगों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और अन्य सुविधाओं का ध्यान विशेष रूप से रखा गया। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने महीनों पहले से इस आयोजन की तैयारी शुरू कर दी थी और यह सब उनके कठिन परिश्रम का ही परिणाम है कि उर्स बिना किसी बाधा के सफल रहा।
आयोजन को लेकर समाज में उत्साह
इस आयोजन को लेकर स्थानीय समाज में भी काफी उत्साह देखने को मिला। लोग इस उर्स को लेकर काफी दिनों से तैयारियां कर रहे थे। स्थानीय व्यापारियों ने भी अपनी ओर से सहयोग दिया और आयोजन में शामिल हुए।
उर्स के बाद स्वच्छता अभियान
उर्स के समापन के बाद दरगाह कमेटी और स्थानीय युवाओं ने मिलकर एक स्वच्छता अभियान चलाया। पूरे क्षेत्र की सफाई की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि आयोजन स्थल पूरी तरह से साफ-सुथरा रहे।इस उर्स ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया, बल्कि सामुदायिक एकता और मानवता की सेवा का एक अद्भुत उदाहरण पेश किया।
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