करवा चौथ व्रत की पूर्व संध्या पर जनसंघ सेवक मंच द्वारा

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By Rihan Khan

विशेष कार्यक्रम का आयोजन

हल्द्वानी, 19 अक्टूबर 2024उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित कमलुआगांजा में करवा चौथ व्रत की पूर्व संध्या पर जनसंघ सेवक मंच के तत्वावधान में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मां गिरिजा बिहार फेज 3 कृष्ण मोहिनी में आयोजित इस कार्यक्रम में शहर की कई सम्मानित महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य करवा चौथ व्रत का महत्व समझाना और पारंपरिक उत्सव को बढ़ावा देना था।

मुख्य अतिथि ड़ॉ. रेनू शरण ने बताया व्रत का महत्व

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. रेनू शरण ने शिरकत की। उन्होंने महिलाओं को करवा चौथ व्रत के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि आस्था, विश्वास, समर्पण और त्याग का प्रतीक है, जिसमें महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए उपवास करती हैं। ड़ॉ. शरण ने महिलाओं को व्रत से जुड़े रीति-रिवाजों और परंपराओं का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया और इस दिन की महत्ता को समझाने के साथ-साथ सभी सुहागिनों को बधाई दी।

प्रतियोगिताओं में महिलाओं ने दिखाया अपना हुनर

कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न प्रतियोगिताओं से हुई, जिसमें बेस्ट ड्रेस, बेस्ट मेकअप, बेस्ट हेयर स्टाइल, बेस्ट मेहंदी और नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में महिलाओं ने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया और अपने पारंपरिक परिधानों और कला से सभी का मन मोह लिया।बेस्ट ड्रेस प्रतियोगिता में मीना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि कमला दूसरे स्थान पर रहीं और इन्दू दासिला ने तीसरा स्थान हासिल किया। बेस्ट डांसिंग में किरण बोरा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि मेहंदी प्रतियोगिता में पूजा को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि ड़ॉ. रेनू शरण ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए और सभी प्रतिभागियों की प्रशंसा की।

स्थानीय पारंपरिक कला की सराहना

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी मात्रशक्तियों ने स्थानीय पारंपरिक कला द्वारा तैयार की गईं वस्तुओं जैसे पूजन थाली, दीपक, लौटा, कलश आदि की प्रदर्शनी लगाई। मुख्य अतिथि ने इन वस्तुओं की सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड की मात्रशक्तियों द्वारा तैयार की गईं यह वस्तुएं न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने का कार्य करती हैं। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से अनुरोध किया कि वे उत्तराखंड की इन वस्तुओं को देश के हर कोने तक पहुंचाने के लिए प्रयास करें, ताकि हमारे प्रदेश की संस्कृति और कला का प्रचार-प्रसार हो सके।

कार्यक्रम का संचालन और समापन

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कमला परगांई ने की, जबकि मंच संचालन का कार्य मीना जोशी ने बखूबी निभाया। उन्होंने पूरे कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक किया और करवा चौथ व्रत से जुड़े कई रोचक तथ्य साझा किए।कार्यक्रम के समापन पर सभी महिलाओं ने एक साथ करवा चौथ की पूजा अर्चना की और एक-दूसरे को इस व्रत की बधाई दी। मुख्य अतिथि ने भी उपस्थित महिलाओं को करवा चौथ व्रत की शुभकामनाएं दीं और उनके जीवन में सुख-शांति की कामना की।

समाज में करवा चौथ व्रत का महत्व

इस प्रकार के कार्यक्रम महिलाओं को अपने त्योहारों और परंपराओं के प्रति न केवल जागरूक करते हैं, बल्कि उन्हें समाज में एकजुटता का संदेश भी देते हैं। करवा चौथ जैसे व्रत हमें अपने परिवार और जीवनसाथी के प्रति समर्पण और प्रेम को प्रकट करने का अवसर प्रदान करते हैं। इस कार्यक्रम ने महिलाओं को अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।कार्यक्रम में शहर की कई सम्मानित मात्रशक्तियों की उपस्थिति ने इसे और भी अधिक भव्य और यादगार बना दिया।

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