बलियानाला पर कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत का स्थलीय निरीक्षण:

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By Rihan Khan

भूस्खलन से बचाव हेतु चल रहे कार्यों का लिया जायजा

नैनीताल, 23 अक्टूबर, 2024 – कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बुधवार को नैनीताल के बलियानाला पर चल रहे सुरक्षात्मक और विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस इलाके में अक्सर भूस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं, जिसके चलते यहां के निवासियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी रहती है। इन भूस्खलनों को रोकने और इलाके को स्थायित्व प्रदान करने के लिए आईआईटी के निर्देशन में सिंचाई विभाग द्वारा विशेष सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं।

भूस्खलन से उत्पन्न खतरे

बलियानाला क्षेत्र में पहाड़ों का ढाल अत्यधिक बढ़ गया है, जिसके चलते आसपास के निवासियों के मकान और जीवन खतरे में पड़ गए हैं। सिंचाई विभाग के म कारण दूसरे स्थान पर प्रतिस्थापित किया गया है। छात्रों को अब किसी अन्य कॉलेज में शिक्षा दी जा रही है। बलियानाले की स्थितियों को देखते हुए स्थायित्व प्रदान करने के लिए उच्च तकनीकी उपकरण और तकनीकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल

भूस्खलन की रोकथाम के लिए कई तकनीकों का प्रयोग हो रहा है, जिसमें सेल्फ ड्रिलिंग एंकरिंग (SDA), पायलिंग, शॉर्टकिट, रेनफॉरेस्टमेंट, और जिओ टेक्सटाइल जैसी तकनीकों का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। इन तकनीकों का उद्देश्य पहाड़ी के ढलान को कम करना और उसे स्थिर बनाना है। इस कार्य को कई चरणों में विभाजित कर किया जा रहा है, जिससे अधिकतम सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

सुरक्षात्मक कार्यों की समीक्षा

आयुक्त दीपक रावत ने कार्यदाई संस्था और अभियंताओं को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सुरक्षात्मक कार्य उच्च गुणवत्ता वाले हों और सफाईपूर्वक पूरे किए जाएं। उन्होंने कार्य की प्रगति और मास्टर प्लान का अध्ययन किया और इस कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों से भी फीडबैक लिया।

स्थानीय निवासियों की सुरक्षा प्राथमिकता

बलियानाले में हो रहे भूस्खलनों के कारण यहां के निवासियों की सुरक्षा खतरे में है। इस क्षेत्र में बसे परिवारों के लिए भूस्खलन से निपटने के प्रयास बेहद जरूरी हैं। लगातार भूस्खलन से न केवल इलाके की भू-परिस्थिति बदल रही है, बल्कि इससे लोगों की आजीविका और जीवन पर भी असर पड़ रहा है।

सरकारी अधिकारी मौजूद

इस निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे। इनमें अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान, संयुक्त मजिस्ट्रेट नैनीताल वरुणा अग्रवाल, मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग, अधिशासी अभियंता जल संस्थान, शिक्षा विभाग के अधिकारी, और तहसीलदार नैनीताल प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी अधिकारियों ने इस कार्य की महत्ता को समझा और इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई।

मास्टर प्लान की विशेषताएं

दीपक रावत ने मास्टर प्लान का बारीकी से अध्ययन किया, जिसमें पूरे कार्य की योजना और उसके विभिन्न चरणों की जानकारी दी गई। इस प्लान में भूस्खलन की रोकथाम के अलावा इलाके के दीर्घकालिक विकास को भी ध्यान में रखा गया है। मास्टर प्लान में सुरक्षा और विकास कार्यों का संतुलित मिश्रण है, ताकि भविष्य में इस क्षेत्र में स्थायित्व बनाए रखा जा सके।

सरकार की प्रतिबद्धता

सरकार द्वारा इस क्षेत्र के निवासियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए यह कार्य बेहद महत्वपूर्ण है। आयुक्त दीपक रावत ने साफ कहा कि यह कार्य सरकार की प्राथमिकता सूची में है और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा और जीवनयापन को सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

भविष्य की योजनाएं

निरीक्षण के दौरान दीपक रावत ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद बलियानाला और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस तरह के सुरक्षात्मक कार्य अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी किए जाएंगे, ताकि भूस्खलन से होने वाले खतरों को न्यूनतम किया जा सके।बलियानाला पर हो रहे सुरक्षात्मक कार्यों की निगरानी और निरीक्षण यह दर्शाता है कि सरकार और प्रशासन इस क्षेत्र के निवासियों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। उम्मीद है कि इन कार्यों के पूरा होने के बाद क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाओं में कमी आएगी और लोग सुरक्षित रूप से अपने जीवन यापन कर सकेंगे।

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