कमिश्नर दीपक रावत की जनसुनवाई में मिला न्याय,

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By Rihan Khan

ई-रिक्शा चालक को दिलवाए 10 हजार रुपये

हल्द्वानी: मुख्यमंत्री सचिव एवं कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत एक बार फिर अपने सख्त फैसलों और त्वरित न्याय दिलाने की कार्यशैली से चर्चा में आ गए हैं। मंगलवार को अपने कैम्प कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान उन्होंने आमजन की समस्याओं को गंभीरता से सुना और मौके पर ही समाधान के निर्देश दिए। इस दौरान ई-रिक्शा चालक ईश्वर प्रसाद को उनकी मेहनत की कमाई वापस दिलाने का सराहनीय कार्य किया।

ई-रिक्शा एजेंसी की मनमानी पर कमिश्नर की कड़ी कार्रवाई

जनसुनवाई के दौरान तीनपानी, हल्द्वानी निवासी ईश्वर प्रसाद ने आयुक्त के समक्ष अपनी समस्या रखी। उन्होंने बताया कि उन्होंने 27 मई 2024 को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक एजेंसी से 1,87,000 रुपये में ई-रिक्शा खरीदा था, जिसमें एक वर्ष की वारंटी दी गई थी। एजेंसी द्वारा ई-रिक्शा की मरम्मत की जिम्मेदारी ली गई थी, लेकिन 6 महीने बाद जब ई-रिक्शा में खराबी आई और उसे मरम्मत के लिए भेजा गया, तो एजेंसी ने ओरिजिनल पार्ट्स की जगह डुप्लीकेट पार्ट्स लगा दिए, जिससे रिक्शा बार-बार खराब होने लगा।

ईश्वर प्रसाद ने ई-रिक्शा की मरम्मत में अपने 10 हजार रुपये खर्च किए, जिसका प्रमाण उन्होंने कमिश्नर के समक्ष पेश किया। उन्होंने बताया कि वह मजदूर वर्ग से आते हैं और बैंक की किस्तें भी भरनी पड़ती हैं, ऐसे में यह धनराशि उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण थी।

दीपक रावत का फैसला – जनता के हक में त्वरित न्याय

कमिश्नर दीपक रावत ने ईश्वर प्रसाद के प्रस्तुत किए गए सबूतों की गहन जांच की और पाया कि एजेंसी ने धोखाधड़ी कर ओरिजिनल पार्ट्स की जगह घटिया गुणवत्ता वाले डुप्लीकेट पार्ट्स लगाए हैं। इस पर उन्होंने तुरंत एजेंसी स्वामी को 10 हजार रुपये वापस लौटाने का आदेश दिया, जिससे पीड़ित को तत्काल न्याय मिला।

इतना ही नहीं, आयुक्त ने आरटीओ संदीप सैनी को निर्देश दिए कि वे हल्द्वानी शहर की सभी ई-रिक्शा एजेंसियों की जांच करें और यदि किसी एजेंसी द्वारा ग्राहकों को ठगा जा रहा है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

जनता के मुद्दों को गंभीरता से सुलझाने में अग्रणी हैं दीपक रावत

जनसुनवाई के दौरान अमलतास सोसाइटी, हल्द्वानी के निवासियों ने भी अपनी समस्याएं रखीं। उन्होंने बताया कि सोसाइटी में AGM (एनुअल जनरल मीटिंग) करानी है, लेकिन कालोनाइजर इसका विरोध कर रहा है। इस पर भी कमिश्नर दीपक रावत ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि कोई AGM में बाधा डालता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

कमिश्नर दीपक रावत – जनता के हित में फैसले लेने वाले प्रशासनिक अधिकारी

प्रशासनिक कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। चाहे बाजार में मिलावटी सामान का मामला हो, अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करनी हो, या फिर आम जनता को न्याय दिलाना हो – वे हमेशा तेजी से फैसले लेकर पीड़ितों को राहत पहुंचाने का काम करते हैं।

हल्द्वानी में हुई इस जनसुनवाई से यह साफ हो गया कि आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से सुनने और त्वरित समाधान करने में आयुक्त दीपक रावत किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतते। उनके इस सराहनीय कार्य से एक ओर जहां ई-रिक्शा चालक को न्याय मिला, वहीं दूसरी ओर अन्य एजेंसियों को भी सख्त संदेश गया कि किसी भी तरह की धोखाधड़ी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

हल्द्वानी की जनता ने किया आयुक्त का धन्यवाद

इस न्यायप्रिय फैसले से हल्द्वानी के आम नागरिकों में खुशी की लहर है। लोगों ने आयुक्त दीपक रावत की ईमानदारी और निष्पक्षता की प्रशंसा की और उनके इस कदम को जनहित में लिया गया सराहनीय निर्णय बताया। हल्द्वानी की जनता को अब यह विश्वास हो चला है कि उनकी समस्याओं का समाधान कराने के लिए दीपक रावत हमेशा तत्पर हैं।

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