
के बाद दिए सख्त निर्देश, पुलिसिंग को बनाएंगी और प्रभावी
सलामी के साथ किया कार्यालय निरीक्षण
आज दिनांक 21 मार्च 2025 को कुमायूं परिक्षेत्र की नव नियुक्त पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने नैनीताल स्थित अपने कार्यालय में पहली बार पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्हें गार्द द्वारा सलामी दी गई। तत्पश्चात, उन्होंने कार्यालय की प्रत्येक शाखा का बारीकी से निरीक्षण किया और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परिक्षेत्रीय कार्यालय केवल पोस्ट ऑफिस की तरह काम न करे, बल्कि जनपदों के कार्यों की समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट तैयार करे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए अहम दिशा-निर्देश
आईजी महोदया ने कुमायूं परिक्षेत्र के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी), सहायक एवं अपर पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए, जिनका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाना है।



महिला अपराधों की रोकथाम पर विशेष जोर
आईजी रिधिम अग्रवाल ने महिला अपराधों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए सभी जनपदों को निर्देश दिए कि महिला सशक्तिकरण विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर ‘वन-स्टॉप सेंटर’ पर पीड़िताओं और उनके परिजनों की अनिवार्य रूप से काउंसलिंग कराई जाए।
संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कवरेज बढ़ाने के निर्देश
आईजी ने यह भी निर्देश दिया कि अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सभी जनपद प्रभारियों को अगले तीन वर्षों के लिए एक कार्ययोजना तैयार करनी होगी, जिसके तहत संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
आम जनता को 41 ए दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जानकारी देने पर जोर
बैठक में 41 ए दंड प्रक्रिया संहिता के बारे में भी चर्चा हुई। आईजी ने निर्देश दिया कि सात वर्ष से कम सजा वाले अपराधों में गिरफ्तारी नहीं होती है, लेकिन आम जनता को इसकी जानकारी न होने के कारण वे पुलिस पर आरोप लगाते हैं। इसलिए पुलिस को इस बारे में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत होगी सख्ती
आईजी ने सभी जनपदों को अगले तीन वर्षों के लिए एक ठोस योजना बनाने के निर्देश दिए, जिससे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत साक्ष्य संकलन, फॉरेंसिक जांच, गिरफ्तारी, जब्ती आदि को प्रभावी बनाया जा सके।
आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक पुलिसिंग का सही तालमेल जरूरी
बैठक में स्पष्ट किया गया कि पुलिसिंग में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग बढ़ाया जाएगा, लेकिन पारंपरिक पुलिसिंग जैसे गश्त, पिकेट और पेट्रोलिंग को भी जारी रखा जाएगा। इससे जनता में पुलिस की मौजूदगी बनी रहेगी।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को किया जाएगा और प्रभावी
आईजी महोदया ने कहा कि अपराध की सूचना तो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो जाती है, लेकिन पुलिस की कार्यवाही की जानकारी जनता तक सही तरीके से नहीं पहुंच पाती। इस समस्या को दूर करने के लिए सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और प्रमोशन सेल को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
निष्कर्ष: कुमायूं में और सशक्त होगी पुलिसिंग
आईजी रिधिम अग्रवाल के निर्देशों से साफ है कि कुमायूं परिक्षेत्र में पुलिसिंग अब और अधिक सशक्त व प्रभावी होगी। महिला अपराधों की रोकथाम से लेकर आधुनिक पुलिसिंग तकनीकों के समावेश तक, उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं। जनता के बीच पुलिस की सक्रियता बढ़ाने और अपराध नियंत्रण को मजबूत करने के ये प्रयास निश्चित रूप से कुमायूं क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करेंगे।
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