रामगढ़ वन क्षेत्र में वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन

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By Rihan Khan

सुरक्षा गोष्ठी का आयोजन

रामगढ़ (नैनीताल), 23 अक्टूबर 2024: भूमि संरक्षण प्रभाग नैनीताल के अंतर्गत रामगढ़ वन क्षेत्र की वन पंचायत में आज वनाग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता और तैयारियों के संबंध में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य वनाग्नि की घटनाओं से बचाव और उससे होने वाले नुकसान को रोकने के लिए उपायों पर चर्चा करना था। गोष्ठी की अध्यक्षता उप प्रभागीय वनाधिकारी श्रीमती ममता चंद्र ने की, जिसमें वन क्षेत्राधिकारी रामगढ़ श्री नितिश तिवारी, वन दरोगा श्रीमती मोनिका कोरंगा, उप वन क्षेत्राधिकारी श्री कुन्दन सिंह और सरपंच सहित कई ग्रामीण एवं अधिकारी उपस्थित थे।

वनाग्नि सुरक्षा पर विशेष जानकारी

गोष्ठी के दौरान उप प्रभागीय वनाधिकारी श्रीमती ममता चंद्र ने वनाग्नि के कारण और इससे होने वाले पर्यावरणीय एवं आर्थिक नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने वनाग्नि के प्रति अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया और वन विभाग के सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे इस संबंध में सक्रिय भूमिका निभाएं। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों से भी आग्रह किया कि वे वनाग्नि सुरक्षा में सहयोग दें और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूक रहें।

वन क्षेत्राधिकारी की अपील

वन क्षेत्राधिकारी रामगढ़, श्री नितिश तिवारी ने भी गोष्ठी में वनाग्नि सुरक्षा के विभिन्न उपाय सुझाए और इस संबंध में ग्रामीणों से सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि आग लगने की स्थिति में किस प्रकार से कार्यवाही की जानी चाहिए और किस प्रकार के उपकरण और विधियों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से अनुरोध किया कि वे जंगल में सूखे पत्तों और लकड़ियों को इकट्ठा न होने दें क्योंकि यही वनाग्नि के प्रमुख कारण बनते हैं।

ग्रामीणों की भूमिका

गोष्ठी में उपस्थित सूर्यागांव के सरपंच, श्री मनीष पाण्डे, ने भी वनाग्नि सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि ग्रामीणों का सहयोग इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वन विभाग के साथ मिलकर काम करने और वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया। ग्रामीणों को बताया गया कि यदि वे वनाग्नि की घटना होते देखें तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें ताकि समय पर कार्यवाही की जा सके।

सुरक्षा के नए तरीके

गोष्ठी में वन विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न उपकरणों और तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिन्हें वनाग्नि की स्थिति में उपयोग किया जा सकता है। वन दरोगा श्रीमती मोनिका कोरंगा ने आग बुझाने के आधुनिक उपकरणों के बारे में जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार से इन्हें उपयोग करके वनाग्नि पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग की टीम को किस प्रकार से इस दिशा में और अधिक प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे आपात स्थितियों में और बेहतर कार्य कर सकें।

आह्वान और निष्कर्ष

गोष्ठी के अंत में उप वन क्षेत्राधिकारी श्री कुन्दन सिंह ने सभी ग्रामीणों और वन कर्मियों से अपील की कि वे वनाग्नि की घटनाओं को गंभीरता से लें और इसे रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें। उन्होंने कहा कि वन विभाग और ग्रामीण समुदाय के सहयोग से ही हम वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण पा सकते हैं।इस अवसर पर वन पंचायत के सरपंच और अन्य ग्रामीणों ने भी वनाग्नि से बचाव के लिए अपने विचार रखे और वन विभाग के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। गोष्ठी में हिस्सा लेने वाले ग्रामीणों को भी वनाग्नि सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए और उन्हें आग से निपटने के लिए कुछ विशेष प्रशिक्षण दिया गया।इस प्रकार की गोष्ठी से न केवल वन विभाग बल्कि ग्रामीण भी वनाग्नि की समस्या के प्रति अधिक सतर्क और जागरूक हो रहे हैं, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।

उपस्थित अधिकारियों की सूची:

1. श्रीमती ममता चंद्र – उप प्रभागीय वनाधिकारी, नैनीताल 2. श्री नितिश तिवारी – वन क्षेत्राधिकारी, रामगढ़ 3. श्री कुन्दन सिंह – उप वन क्षेत्राधिकारी, रामगढ़ 4. श्रीमती मोनिका कोरंगा – वन दरोगा 5. श्री रमेश चंद्र त्रिपाठी – वन दरोगा 6. श्री मनीष पाण्डे – सरपंच, सूर्यागांव

वनाग्नि सुरक्षा के प्रति इस गोष्ठी से निश्चित रूप से रामगढ़ वन क्षेत्र में जागरूकता बढ़ेगी और वन विभाग और ग्रामीणों के सहयोग से भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सकेगा।

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