मौजूदा कुलपति ने पूर्ववर्ती नेतृत्व( वाइस चांसलर के अलावा क्या हो सकता है ) की असफलता को उजागर करते हुए कहा है कि उस समय के नेतृत्व ने सँभालने में ग़लती की।
जे एन यू को बदनाम करने में मोदी राज के दौर में बहुत बड़ा निवेश किया गया। मीडिया को भी लगाया गया। निशाने पर जे एन यू था और उसके बहाने सरकार के आलोचकों को भी टारगेट किया गया।
जे एन यू को राष्ट्र विरोध से इस तरह जोड़ दिया गया कि उस समय देशभक्ति सिखाने के लिए टैंक लगाने और तिरंगा लगाने की बात होने लगी। जे एन यू की कुलपति का यह इंटरव्यू जागरण में छपा है ।
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