
पीड़ित बालिकाओं को न्याय दिलाने का संकल्प
कालाढूंगी के कोटाबाग स्थित धापला गांव में 6 अक्टूबर 2024 को भीम आर्मी, मूलनिवासी संघ और डॉ. अम्बेडकर मिशन एंड फाउंडेशन द्वारा एक महत्वपूर्ण सभा आयोजित की गई। इस सभा का उद्देश्य शिक्षक द्वारा कक्षा 6 से 9 तक की बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले में न्याय सुनिश्चित करना था। इस घटना से पूरे गांव में आक्रोश था, और पीड़ित परिवारों ने संगठनों के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त की। संगठनों ने पीड़ित परिवारों का समर्थन करते हुए न्याय के लिए संघर्ष का संकल्प लिया।
पीड़ित परिवारों ने सुनाई अपनी आपबीती

सभा के दौरान, पीड़ित परिवारों ने बताया कि धापला गांव में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक, जो जनरल श्रेणी का है, ने बालिकाओं के साथ गलत व्यवहार किया। यह घटना कक्षा 6 से 9 तक की छात्राओं के साथ हुई, जिससे पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। गांव की अधिकांश आबादी अनुसूचित जाति से संबंधित है और इस घटना ने सामाजिक सद्भाव को गहरा आघात पहुंचाया है।
प्रशासनिक और राजनीतिक दबाव
पीड़ित परिवारों ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी और पुलिस प्रशासन से की, तो गांव के कुछ नेताओं ने उन्हें धमकाया और दबाव डालकर राजीनामा लिखवा लिया। खंड शिक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया था कि शिक्षक को सस्पेंड किया जाएगा और इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी। परन्तु, न तो शिक्षक को सस्पेंड किया गया और न ही कोई जांच हुई। इसके विपरीत, शिक्षक का केवल स्थानांतरण कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय नेताओं ने शिक्षक को बचाने के लिए इस तरह की कार्रवाई करवाई।
भीम आर्मी और अन्य संगठनों का सख्त रुख
सभा में मौजूद भीम आर्मी, मूलनिवासी संघ और डॉ. अम्बेडकर मिशन एंड फाउंडेशन के सदस्यों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि कल, 7 अक्टूबर 2024 को मुख्य शिक्षा अधिकारी का घेराव किया जाएगा। इस घेराव के दौरान, अध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी और यदि 15 दिनों के भीतर उचित जांच और कार्रवाई नहीं की गई, तो अम्बेडकरवादी संगठन एक बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। सभा में निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे को दबने नहीं दिया जाएगा और पीड़ित बालिकाओं को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम
सभा में उपस्थित संगठनों के नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ एक गांव या कुछ छात्राओं का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और अन्याय के खिलाफ एक महत्वपूर्ण लड़ाई है। भीम आर्मी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिराज अहमद, नगर अध्यक्ष विकास कुमार और अन्य नेताओं ने स्पष्ट किया कि शिक्षा के क्षेत्र में भी भेदभाव और अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीड़ित बालिकाओं और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
न्याय की लड़ाई में एकजुटता का संदेश
सभा में डॉ. अम्बेडकर एकता फाउंडेशन के अध्यक्ष एडवोकेट जगदीश चंद्र, मदन चंद्र, अरविन्द, अतीक अहमद, हरीश लोधी, रिज़वान खान, मूलनिवासी संघ के जिलाध्यक्ष दीपक चनियाल, आर पी गंगोला, सुंदरलाल बौद्ध और अन्य संगठनों के नेताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी ने एकजुटता से इस मामले को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। यह सभा एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि जब समाज में अन्याय होता है, तो एकजुट होकर संघर्ष करना ही उसका समाधान है।
समापन
भीम आर्मी और अन्य संगठनों ने इस घटना के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए यह स्पष्ट किया कि वे पीड़ित बालिकाओं को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। यह लड़ाई सिर्फ एक शिक्षक के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त अन्याय और भेदभाव के खिलाफ भी है।
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